healing words

शब्दों की शक्ति से मोन की ओर

में बदल जाता हूं, बादल देख कर आसमान में, 
नीली छतरी हर पल लिए फिरता हूं। 
जैसे जीवन की धूप से बचता कोई विचार, 
जैसे ईश्वर की छाया में चलता एक बेखबर सार। 
जैसे प्रेम के गहरे संदर की ओर भागती तेज गति की नदी, 
जैसे शब्द — वो प्रथम सा — जो बच्चा बोलने की कोशिश कर रहा हो। 
जैसे मौन की गोद में पलता कोई अनकहा राग, 
जैसे शून्य में उगता

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