healing words

शब्दों की शक्ति से मोन की ओर

हर क्षण 
कुछ कहता है — 
धीरे से, 
संकेतों में, 
छुपी हुई भाषा में। 

वह जो सुन सकता है, 
वह जो देख सकता है 
उसके भीतर की बात — 
वही शिक्षक है। 

किताबें तो शब्दों से भरी हैं, 
पर शब्द 
जब उलझ जाएं बुद्धि की गांठों में, 
तो कोई चाहिए 
जो उन्हें सुलझा सके, 
जो उन्हें 
घुट्टी की तरह 
धीरे-धीरे 
मन में उतार सके। 

शिक्षक वही है 
जो मौन में भी शिक्षा ढूंढ ले, 
जो अज्ञान के अंधेरे में 
एक दीप जला दे।

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